रिजर्व बैंक के जरिए सरकारी बांडों में विदेशी संस्थागत निवेशकों की निवेश
सीमा 20 अरब डॉलर और विदेशी वाणिज्यिक उधारी की सीमा बढ़ाकर 10 अरब डॉलर
किए जाने का उद्योग संगठनों ने स्वागत किया है।
हालांकि, उद्योग संगठन फिक्की को बड़े पैमाने पर मजबूत कदम उठाए जाने की उम्मीद थी। संगठन ने नीतिगत सुधार से संबंधित उपायों की घोषणा होने का अनुमान भी लगाया था। ताकि, आर्थिक माहौल तेजी से सकारात्मक बन सके।
फिक्की के अध्यक्ष आरवी कनोरिया ने कहा कि मौजूदा समय की मांग के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास और सुधार के लिए उपयुक्त नीतिगत उपायों का उल्लेख संगठन के 12 सूत्रीय एजेंडे में भी किया जा चुका है। यह उम्मीद है कि सरकार और आरबीआई इन सुझावों पर गौर करेंगे और बिना समय गवाएं इस पर अमल भी किया जाएगा।
दूसरी ओर, एसोचैम ने रुपये में गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई के जरिए उठाए गए कदमों को सराहा है। उद्योग संगठन के महासचिव डीएस रावत का कहना है कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए आरबीआई के पास सीमित विकल्प है। लेकिन, केंद्रीय बैंक के निर्णय से नकदी प्रवाह बढ़ाने के साथ रुपये की कमजोरी दूर करने में भी मदद मिलेगी।
रावत ने कहा कि विदेशी निवेश को उदार बनाने से देश में ज्यादा कोष इकट्ठा हो सकेगा। संगठन ने आरबीआई को देश में इक्विटी निवेश बढ़ाने की सलाह भी दी है। इसे एक्सचेंज दर को स्थिर करने में विशेष सहायता मिलेगी।
हालांकि, उद्योग संगठन फिक्की को बड़े पैमाने पर मजबूत कदम उठाए जाने की उम्मीद थी। संगठन ने नीतिगत सुधार से संबंधित उपायों की घोषणा होने का अनुमान भी लगाया था। ताकि, आर्थिक माहौल तेजी से सकारात्मक बन सके।
फिक्की के अध्यक्ष आरवी कनोरिया ने कहा कि मौजूदा समय की मांग के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास और सुधार के लिए उपयुक्त नीतिगत उपायों का उल्लेख संगठन के 12 सूत्रीय एजेंडे में भी किया जा चुका है। यह उम्मीद है कि सरकार और आरबीआई इन सुझावों पर गौर करेंगे और बिना समय गवाएं इस पर अमल भी किया जाएगा।
दूसरी ओर, एसोचैम ने रुपये में गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई के जरिए उठाए गए कदमों को सराहा है। उद्योग संगठन के महासचिव डीएस रावत का कहना है कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए आरबीआई के पास सीमित विकल्प है। लेकिन, केंद्रीय बैंक के निर्णय से नकदी प्रवाह बढ़ाने के साथ रुपये की कमजोरी दूर करने में भी मदद मिलेगी।
रावत ने कहा कि विदेशी निवेश को उदार बनाने से देश में ज्यादा कोष इकट्ठा हो सकेगा। संगठन ने आरबीआई को देश में इक्विटी निवेश बढ़ाने की सलाह भी दी है। इसे एक्सचेंज दर को स्थिर करने में विशेष सहायता मिलेगी।